कितनो को मिट्टी से बना के, मिट्टी में.....
👍कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।
👉कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया ।
👉रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली ।
👉दी ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया ।
👉दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया ।
👉दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया ।
☝मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर 'ऐ इंसान'
☝ भगवान ने तेरे और मेरे जैसे कितनो को मिट्टी से बना के, मिट्टी में मिला दिए ।
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