Monday, August 22, 2016

सुख

"व्यक्ति सुख पाने के लिए
 वस्त्र बदलता है,भोजन  बदलता  है,
मकान  बदलता  है,*मित्र ,सम्बन्धी  बदलता  है;
  परन्तु फिर भी दुखी रहता है ;
क्योंकि  वह अपना "स्वभाव" नहीं बदलता
*स्वभाव बदलो*   *सुख  ही  सुख  मिलेगा"✍🏽

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