एक बार सत्यनारायण कथा की आरती मेरे सामने आने पर मैंने छाँट कर
जेब में से कटा फटा पाँच रू का नोट कोई देखे नहीं , ऐसा डाला ।
वहाँ अत्यधिक ठसाठस भीड़ थी ।
मेरे कंधे पर ठीक पीछे वाले सज्जन ने थपकी मार कर
मेरी ओर ५०० रू का नोट बढ़ाया ।
मैंने उनसे नोट ले कर आरती में डाल दिया ।
अपने मात्र ५ रू डालने पर थोड़ी लज्जा भी आई ।
बाहर निकलते समय मैंने उन सज्जन को श्रद्धा पूर्वक नमस्कार किया तब उन्होंने बताया कि ५ रू का नोट निकालते समय ५०० का नोट मेरी ही जेब से गिरा था, जो वे मुझे दे रहे थे ।
😝🙏😬😁😬😡😡
बोलो सत्यनारायण भगवान की जय !
बोलो सत्यनारायण भगवान की जय !
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