Wednesday, July 27, 2016

कब्ज Constipation, Kabj


कब्ज के कई नाम:

बद्धकोष्ठ,कब्जियत ,कब्ज ,कोष्ठबद्धता ,मलावरोध ,कांस्टिपेशन Constipation।

आयुर्वेद के अनुसार कब्ज के कारण
  • आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात दोष (वायु) के बढ़ने से कब्ज होती है
  • आयुर्वेदानुसार वात प्रकृति (शारीरिक गठन दुबला -पतला) वाले व्यक्तियों को कब्ज होने की सम्भावना ज्यादा रहती है ।
  • आयुर्वेदानुसार गरिष्ठ भोजन ,मंदाग्नि [पाचन अग्नि का मन्द होना ],बदहजमी ।
अन्य कारण:
  • भूख न लगने पर भोजन करना, जल्दबाजी में भोजन करना (भोजन को कम चबाना)।
  • कम रेशे युक्त भोजन का सेवन करना ।
  • दिनभर में कम पानी पीना ।
  • बहुत कम शारीरिक मेहनत करना ।
  • आलस्य करना ।
  • मानसिक श्रम ज्यादा शारीरिक श्रम कम करना ।
  • भोजन समय पर न ग्रहण करना ।
  • ज्यादा उपवास करना ।
  • कम भोजन करना ।
  • डायबिटीज के रोगियों में पाचन सम्बंधित समस्या के कारण।
  • नशे के कारण जैसे -धूम्रपान ,शराब पीना ,चाय -कॉफी अत्यधिक पीना ।
कोष्ठबद्धता (कब्ज़ ) किसे कहते हैं :

जब किसी व्यक्ति को मल त्यागने में देरी, कठिनाई हो और मल बहुत कड़ा हो, पाचन तन्त्र की उस अवस्था को कब्ज कहते हैं । कब्ज में मल का निष्कासन सामान्य रूप से नहीं होता है, तथा आंतो में मल रुक जाता है । व्यक्ति का पेट ठीक से साफ नही होता है, और व्यक्ति पूरे दिन तरोताजा महसूस नही कर पाता है । अगर कब्ज का इलाज सही समय पर न किया जाय तो यह लम्बी बीमारी का रूप ले लेती है । मल का सामान्य रूप से निष्कासन न होने पर अन्य समस्याएं होने लगती हैं । जैसे:- गैस, पेट फूलना, पेट में दर्द, एसिडिटी, सिर दर्द, जी मचलाना, मुँह में छाले, भूख न लगना, मुँह से बदबू आना, जीभ में सफ़ेद परत जम जाना इत्यादि ।

कब्ज़ के घरेलू उपचार: ( Home Medicine for Constipation )

  • खाने में फायबर (रेशे )युक्त भोजन जैसे -चोकर के आटे की रोटी ।
  • गेहूँ और चने की आटे की रोटी ।
  • अंकुरित चना (अगर चना न पचे तो भीगे हुए चने को उबालकर खायें )चने में अदरख, धनियां, नीबू, प्याज, नमक इत्यादि स्वादानुसार बनाकर खायें।
  • दूध में मुनक्का उबालकर सोने से पहले उबला हुआ मुनक्का खाकर दूध पियें ।
  • तीन से पॉँच अंजीर सोने से पहले खायें ।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करे ।
  • रात में दो चम्मच गुलकन्द के साथ गरम दूध लेने से कब्ज में लाभ होता है । मधुमेह रोगी इसका सेवन न करें ।
  • इसबगोल की भूसी दो चम्मच गुनगुने पानी के साथ रात में सोने से पहले लें ।
  • अमरुद और पपीता कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होता है ।
  • प्रतिदिन नियमित रूप से हल्का योग या व्यायाम करे ।
कब्ज की आयुर्वेदिक औषधियाँ: Herbal Remedies For Constipation

हल्के कब्ज होने पर:
  • रात में सोने से पूर्व त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से एक से दो चम्मच ले ।
  • अरंडी का तेल गुनगुने दूध में एक चम्मच मिलाकर रात में पियें ।
ज्यादा कब्ज के लिए:
  • पंचसकार चूर्ण दो चम्मच गुनगुने पानी से सोते समय लें । 

वैद्य अंजनी कुमार 'कमलेश'
बी० ए० एम० एस० (आयुर्वेदाचार्य )
डी० ए० एम० एस० (आयुर्वेद शास्त्री )
आयुर्वेद रत्न, योगशिरोमणि 
दूरभाष: 98386-79791
 ईमेल: anjanikkamlesh@hotmail.com
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Dr. Anjani Kumar Kamlesh
B.A.M.S. (Ayurvedacharya)
D.A.M.S. (Ayurved Shastri)
Ayurved Ratna, Yogshiromani 
Phone: 98386-79791
email: anjanikkamlesh@hotmail.com

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