"इन्सानियत के गुलशन में दोस्तों का गुल खिलाऊंगा
फिर नीले -नीले बादलों में लौट जाऊंगा ।
मेरा वजूद दोस्तों पानी का एक कतरा है ,
मिट करके तुम्हारी आँखों में झिलमिलाऊंगा । । "
[राज ]